तन्हा भरे सफर पर चलता एक मुसाफिर। तन्हा भरे सफर पर चलता एक मुसाफिर।
याद रखना इस सफर में कभी गम तो कभी खुशियों के फसाने मिलते हैं ! याद रखना इस सफर में कभी गम तो कभी खुशियों के फसाने मिलते हैं !
जो छुूट रहा उस भीड़ में कहीं उस पल को गांव में आकर हमने कही जिया।। जो छुूट रहा उस भीड़ में कहीं उस पल को गांव में आकर हमने कही जिया।।
ये रात भी गुज़र जाएगी जैसे कल दिन भी गुजर गया... मैं भी गुज़र जाउंगा रफ्ता-रफ्ता सूरज-सा ये रात भी गुज़र जाएगी जैसे कल दिन भी गुजर गया... मैं भी गुज़र जाउंगा रफ्ता-रफ्ता स...
प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII
कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा.... कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा....